Monday, 14 December 2015
Saturday, 14 November 2015
Were we really....???
Couldn't turned up,
Again u were unaware
Coz she is engaged...!!
u had long walks with open laces,
Closed lashes can't say u awake,
Reminding urself that you alive,
Remembering spent moment & life,
ur lonely walk with autumn fallouts
Question comes again n again,
Sunday, 1 November 2015
शिक्षा को भी धर्म में बाँट दिया....
Saturday, 19 September 2015
मानवता के खातिर....
अच्छा चलो मुद्दा वो भी नही; बात ये है की क्या आपने आसपास देखा है क्या???? ज़्यादातर भीख माँगने वाले बच्चे ही मिलेंगे आपको; आप अगर कार चला रहे है तो ये दृश्या दिखेगा:
Wednesday, 16 September 2015
हम बात करते है भारत भविस्य की ....आरक्षण की..!!!
ओ बी सी की बात नही करता पर यथार्थ देखना हो तो दलित मे देखिए;
आपको वो पीढ़ी दर पीढ़ी उसी हालत मे मिलेंगे. आप हम जैसे सभी लोग उनका शोषण करते थे और कर रहे है.
उनको उनके पास से आप हम आरक्षण देने या हटाने की बात करते है; जो दो जून की रोटी को मजबूर है; क्या उनका पेट आप आरक्षण से भर सकते हो?
जिन्हे आरक्षण चाहिए उनको मिल नही पता और वो भूख से या ग़रीबी मे आत्महत्या से मरते है, जिनको नही मिलता आरक्षण वो खून की नदियाँ बहाना पसंद करते है;
हार्दिक पटेल जन्म लेते है;
हक़ीकत तो ये है की जिनको ज़रूरत दो जून की रोटी की है उनका पेट आरक्षण देने भर से ना भरेगा. कुच्छ सरकार से परे हटकर हमे खुद करना पड़ेगा. लोग आरक्षण का ढोंग पीट र्हे;
मुझे बात तो ये नही समझ आती की आज भी मंदिर क बाहर सौ लोग ऐसे कैसे दीं दुखिहारे भूखे दिख ही जाते है; आप कार रोकिए किसी भी चौराहे मे 10 बच्चे रोते बिलबिलते और 1 रुपय मॅगने दौड़ पड़ते है;
आज करतब दिखाने को मजबूर 5 साल क बच्चे ट्रेन मे 1 रोटी मॅगने कचरा सॉफ करते है; क्या शिक्षा का अधिकार उनके लिए नही है.? हम बड़ा आरक्षण का विरोध करते है ना;
क्या हमने कभी ये जाना है की हमारे पूर्वाजो ने जाती क आधार पर कितना प्रताड़ित किया है अनुसूचित जातियो को. चामर अगर पानी च्छू दे तो पानी का घड़ा तोड़ दिया जाता है!! सोचिए ये अगर आप हम जैसे लोगो क साथ होता तो क्या होता हुमारा. फिर भी हम बात करते है भारत भविस्या की ....आरक्षण की..!!!
बताएए कों सा ब्राह्मण आज मल उठता है; कौन सा ठाकुर आज मज़दूर है...बहोट कम मिलेंगे ना....!! परंतु यहा करोड़ो दलित लोग है जो नली का गंदा पानी पीने को मजबूर है या की आरक्षण नमक चीज़ है भी या नही उनको पता तक नही!!! और हम बात करते है सवर्ण की..!!!
Monday, 14 September 2015
Vo Kehti Hai...Suno Jana...
Mai keta hu tapish-e-badhumani me kuchh bhi ho mohabbat meri kam ho nahi sakti...
Mai kehta hu suno Jana ye takrar ka adhikar hai mujhko,
Mai kehta hu tu meri mehbooba mera pyaar mera sab kuchh hai Jana ....
Vo kehti hai....mohabbat ek mom ka putla hai...
Mai kelta hu suno Jana...
Mai kehta hu ab sun tu mujhe....meri Jana...
Teri ankho me ye pyaar meri muskan k khatir tera vo chupchap dard ka sehna...
Vo kehti hai Teri baate tere Wade sab sunne me to achhe lagte hai;
Mai kehta hu bharosha rakho aye Jana en wado par...
Kisi ki baat me na aao kabhi takrar na ki humne..
Har baat Jo tujhse Judi
Mai kehta hu yahi rab se yahi meri gujarish hai...
Na maga rab se kabhi kuchh vo upar wala bhi kya sochta hoga...
Vo kehti hai: tum jeene me mere mushqile paida krte ho...
Bada dar sa lagta hai bada asahaj mehsoos krta hu...
Teri baato ko sunta hu mai manta bhi to hoon....
Vo kehti hai..
Mai kehta hu sach kehta hu viswas karo mera....
Sunday, 13 September 2015
वो कहती है........सुनो जाना.....!!!
तुम दूर कर दो मजबूरियाँ तनहाईयाँ...
मै कहता हू तपिश-ए-बदगुमानी मे कुच्छ भी हो मोहब्बत मेरी कम हो नही सकती...!!!
मै कहता हू सुनो जाना,
ये तकरार का अधिकार है मुझको,
तुम्हे इसमे मेरा प्यार क्यू नही दिखता...
मै कहता हू तू मेरी महबूबा मेरा प्यार मेरा सब कुच्छ है जाना ....
कैसे तुझे खुद से दूर जाने दूँगा मै...
वो कहती है कुच्छ लोग कहते है
ये छ्होटी बातें बड़ी बन जया करती है...अगर लगाम ना लगाओ तो,
वो कहती है....मोहब्बत एक मोंम का पुतला है...
इसको पिघला देंगी वो गर्म आँचे वो गर्म हवाएँ....
मै कहता हू सुनो जाना...
झुलस जाए तन भी अगर मेरा तो,
वो गरम हवाए प्यार को ना च्छू पाएँगी,
इतना विस्वास करो अपनी मोहब्बत मे...!!!
मै कहता हू अब सुन तू मुझे....मेरी जाना...
मै कहता हू अब सुन तू मुझे....मेरी जाना...
तेरी आँखो मे ये प्यार मेरी मुस्कान के खातिर,
तेरा वो चुपचाप दर्द का सहना...
तेरी बातें तेरा वो खिलखिला कर हसना..
बड़ा मशगूल करता है मुझे तेरे इस प्यार मे पड़ना...
वो कहती है तेरी बाते तेरे वादे सब सुनने मे तो अच्छे लगते है; पर क्या पूरे होंगे कभी,
मै कहता हू
भरोशा रखो अये जाना
इन्ही वादों पर...अंतिम सांस तक कोशिशे रहेंगी मेरी...!!
किसी की बात मे ना आओ
कभी तकरार ना की हमने...
कोई ये फ़ैसला कर नही सकता की फ्यूचर क्या होगा हमारा...
हर बात जो तुझसे जुड़ी
हर जख्म जो तेरे मेरे दर्द बन जाए अये जाना
और क्या ही मागू मै खुदा ने अगर पूछि है मेरी रजा...
मै कहता हू यही रब से यही मेरी गुज़ारिश है...
सभी दर्द दे दो उसके चुपके से मुझे उसकी मुस्कान सबसे प्यारी है....
ना मागा रब से कभी कुच्छ वो उपर वाला भी क्या सोचता होगा...
तेरी खुशियो के खातिर ये अड़ियल तेरा प्रेमी अडिग सा रुका रा होगा...
वो कहती है तुम जीने मे मेरे मुश्क़िले पैदा करते हो...
किससे बात करू किससे ना करू ये भला तुम कैसे कहते हो....
मै कहता हू दूर करदो ये बुराइयां मेरे मन से मेरा इलाज़ बन जाओ....
तेरी ज़रूरत है तेरे प्यार की एस दिल को...मेरा हमसफ़र बन जाओ....
बड़ा दर सा लगता है बड़ा असहज महसूस करता हू...
मोहब्बत है तुझसे मुझे ये बात तो है ही..
पर एक बात सच सच कहु की तेरा बड़ा सम्मान करता हू...
तेरी बातो को सुनता हू मै मानता भी तो हूँ....
तेरी हर ख्वाहिशो को पूरा करने की कसम मै लेता हू...
वो कहती है...बातें बनाना कोए तुमसे सीखे..
नाटक मंडली के सरताज तुम ही...
मै कहता हू सच कहता हू विस्वास करो मेरा....
तुम्ही से मोहब्बत तुम्ही से ही है आशिक़्क़ी...!!! यही ये जीवन है...!!!
Friday, 11 September 2015
The Train Journey & Mysterious Misty....!!!
One similar to my school time frnd was sitting in my compartment. I recalled....hmm....kya Nam tha....kya Nam tha....but I couldn't......I am so week in memory.... Names!!!
Then I was surprised.... If she was my school classmate then how she forgot me!! Not possible... No no awanish u r getting confused.... My conscious b mind told me!!!
Then guy besides her calls her- "Roshni"
Then dimag ki batti jali meri.....ooooooo ye to roshni hai!!!!
(Qus like ....I m SRK and everybody shall know me.... But still..... It's common way in India when u meet an old frnd).
Me: waoo wonderful..... Amazing....hey Rohit....very cute baby n rashi nice name.
Dar sa lagta hai abb to...
Gulshan-e-darbar me
jabse arzi khushiyo k liye lagae hai..
Rehmat etni mili Allah khair kare;
nazren na lag jaaye dar sa lagta hai ab to!!!!
Thursday, 10 September 2015
अफ़सोश नही.
तुझे गम देने मे संतोष नही
और हमे वो सहने मे अफ़सोश नही...!!!
Monday, 7 September 2015
उसका नाम....!!
सौक मे 2 घूँट जाम पिता था तब मै,
बोतलें लुढ़कता हू मै अब अये ग़ालिब....!!
कह गए थी याद ना आउन्गि तुम्हे नई मसूका मिलने पर,
पर आज भी अक्सर नए को उसके नाम से ही बुला लेता हू अये ग़ालिब...!!!
उसकी यादों के भी नखरे उठता हू मै अये ग़ालिब,
नए को उसके नाम से ही बुला लेता हू अये गॅलाइब...!!!
माशुका मेरी.....!!!!
ताल्लुक उसके तोड़ लेने पे हम अपना कसूर ढूढ़ने मे पड़े थे,
वो बेरहम जब डोली मे थी; हम जनाज़े की सैर मे थे!!!
गीली लकड़ी से किया था इश्क़ हमने ग़ालिब,
गीली लकड़ी से किया था इश्क़ हमने ग़ालिब,
ना पूरा जला पाए थे और ना अब बुझा पा रहे.
पढ़ कर अगर वाह वाह निकली हो दिल से--
वाह सुने सदिया हो गए लगता है मुझे
.
क्यूकी
वाह तो हम उनके हुश्न पर ही सुना करते थे.
सही सुना आपने-
वाह वाह तो उनके हुश्न पर ही सुना करते थे...
तुमने हालाँकि पुचछा नही की-
"सुना करते थे या खुद वाह वाह कहा करते थे?"
सुना करते थे....!!!
सुना करते थे फिर बोलने वालो को भी चुप करा दिया...
उस नूर परी को अपनी मसूका बना कर...!!
फिर मोहब्बत ना हो जाए.....!!!
इन्तेकाम ये इंतज़ार केवल इसी के खातिर,
दो लव्ज़ सुन लू उनके;
लीबाज़ उनकी पसंद के पहेन लू आज; उनकी मुस्कान के खातिर;
लीबाज़ उनकी पसंद के
इतनी बरकत करना की ये लीबाज़ उन्हे मोहब्बत ना करा दे हमसे;
और उनके दो लव्ज़ हमे उनका ना बना दे ये बरकत करना अये मौला.
वादे याद आज भी है....
तेरी याद हालाँकि सलामत आज भी है;
तन्हाइयों मे कुच्छ बोतलों क सहारे;
साथ पिएँगे वो वादे याद आज भी है....!!
प्यार क्या है
प्यार क्या है सवाल किया था उसने;
प्यार क मोहताज होकर;
अब हम जवाब ढूढ़ पाए है साथियों!!
और जवाब भी यही की-
"प्यार लाजवाब है"
इश्क़ का हश्र....?
तो ये हश्र हुआ अय ग़ालिब,
जिंदा-मौत से भी बड़ी कोए सज़ा होती है क्या??
दुआएँ मागने गया था उसके दर पर,
की मेरी भी उमर तुझे लग जाए;
क्यूकी जीते जी मरने छ्चोड़ गए वो हुमको,
कम से कम वो तो थोड़ा और जी जाय...!!!
कैसा नशा है तू मेरी हन...,,
पर यादों मे अब भी है!
मिलते नही हम अब,
पर सपने मे साथ सोते है!
साझा करना कुच्छ भी अब कैसे हो,
पर एक एक्सट्रा कॉफी तेरे नाम की पी लेते है!
अकेलेपन मे भी याद नए आती थी कभी तू,
पर अब भीड़ मे भी तन्हा महसूस करते है!
कभी बातें खत से करते थे,
अब खुद को भी खत लिखते है!
कभी तेरे जाने का गुम होगा ये सोचकर डर गये थे,
अब तू नही है ये हर पल जीते है हम!
तुझे बेतक देखने पर तू मना करती थी,
अब तेरी पिक्स को घंटो निहारते है.!
कैसा नशा है तू मेरी हन,
बोतलों मे भी नही उतरे पर नशे मे खुद को पाते है !!!
ग़मे ज़िंदगी...
असली आफ़त तो ये ग़मे ज़िंदगी ही है..
ना तो गुजरती है; और ना ही सवरती है!!!!
शायरी मे उतर लेती है ग़ालिब.......
उनकी जगह उनकी यादें कर लेती है अये ग़ालिब...
मौकाए परस्ती अब
उनकी जगह उनकी यादें कर लेती है अये ग़ालिब...
महफ़िल मे शब्द नही मिलते पर....
सन्नतों मे वो शायरी मे उतर लेती है ग़ालिब......!!
ज़िंदा हू पर........!!!
वो आवाज़ और कुच्छ अहसास भी....
पर अब नही ऐतबार उन पर भी...!!!
ताज्जुब बे कोहराम तो एस बात का हे की;
ज़िंदा हू पर ज़िंदगी से ऐतबार नही.!!
बोतलें....और वो...!!!
कुसूर-ए-मोहब्बत हम क्यू निकालें;
होश मे हम अब भी है ग़ालिब;
दो चार बोतलें अब असर नही करती!!
दर्द को मिटाने की दवा अगर एन्हि बोतलों मे ही है,
बोल लो उनसे ज़हर हमे वही आकर पीला दें तो अच्छा हे....
Sunday, 6 September 2015
न्यू ईयर-2015.....नया साल मनाउ...???
नया साल मनाउ...???
उजड़े इश् मन को कैसे मै सम्झाउ
आते जाते हर राह मे बीता साल बितौउ,
वो कहते हैं मई नया साल मनाउ..!!
उनकी चिता जलाकर आज पिच्छाले साल मनाउ
अब कैसे खुशी मनाउ...नया साल मनाउ....!!!
Sunday, 30 August 2015
आसपास.....संसार....!!
रॅंच मात्रा का बदलाव नही,
सोचा था वक़्त के थपेड़े असर करेंगे,
गरम हवायों से सिकेंगे जब चहेरे,
तो बदलाव की धार फुटेगी....पर नही...!!
कुच्छ दो नौकाओं मे पैर रखने वाले लोग,
समझते नही सीधा सा लॉजिक,
गिर जाते है बीच मज़धार मे अक्सर,
फिर भी...बचपाना....करते है...!!
मंज़िल....!!!
ख्वाब समंदर मे डूबे हो तो फिर रूह कसक सहती है,
अरमान तो सोए ही होते है अक्सर ग़ालिब,
इरादों मे हो दम तो मंज़िल कदम चूम ही लेती है.
तू नही है.....!!
पर अब ज़रूरत सी नही,
सुनसान रास्तों पर अब डर है ही नही,
आँखें बंद करो,
या गहरे पानी मे जाओ,
वो सब बीते लम्हे....
और तेरा साथ...
तेरे हाथ नही छ्चोड़ते मुझे अकेला;
तू नही है ये शायद
तेरे होने से बढ़कर है क्या?
मेरी नफ़रत....
यादें आती है उनकी भले ही वो हमे नही मिलते है...!!
मेरी नफ़रत भी अब चाहत हुई है ,
दर्द है दिल मे पर उनके लिए बुरे विचार नही आते है...!!!
यादें तेरी.....
तो क्यू कहें यादों से की हमे सताना छ्चोड़ दें,
किसी और पर दिल लगाने दे और हमे रुलाना छ्चोड़ दे,
रुसवा हो जाती ह उनकी यादें अगर किसी और को च्छू भी लो अब भी तो,
किसी और क हो जाएँगे तो क्या पता हम मुस्कुराना ना छ्चोड़ दें.
उनकी यादों को दूर करना मेरे बस मे ऩही,
दूर करना चाहो तो जीना मुश्किल हो जाता है,.!!
और पास रखो तो लोग कहते हे हम जीना भूल गये है...!!
पहेल का लोचा.....!!!
वक़्त गुजर गया;
पर दोबारा मोहब्बत ना हुई,
वो भी चुप थे;
हमे भी सन्नाटे चीरने की हिम्मत ना हुई...!!
विचारों का ना मिलना तो;
एक कारण भर है रिश्ता तोड़ने को,
ना पहल तुमसे हुई...
ना पहल हमसे हुई.!!
पर मोब्बत ना हुई......पहल ना तो तुमसे हुए.....ना तो हमसे हुई....!!!
वक़्त कितना होगया ना हमारे बीच;
अल्फ़ाज़ की अदला-बदली ना हुई;
सन्नतों मे बैठे हम;
एक दूसरे को निहारते हुए,
सीकायतें नही एक दूसरे से
पर मोब्बत ना हुई
टूट गया एक बार कोई जब रिस्ता,
खुदा लाख चाह ले;
पर प्यार की पहल;
ना तो तुमसे हुए.....ना तो हमसे हुई....!!!
चाँद से मोहब्बत....
आशिक़ हो पर उनके दीदार बस से इतना ना इतराओ
आपकी आशिक़ी है उससे ये मानता हू मै...
पर वो रोशनी बराबर सभी को देता है भूल ना जाओ.
Sunday, 23 August 2015
तेरे संग ज़िंदगी के मायने ...
तुम्हे मुस्कुराते देखने मे हमे मज़ा आता है,
चाँद से की थी सिफारिश ग़मे अमावस हटाने की,
तेरे बिन जी ना पाएँगे ये मत सोचना कभी,
बात कुच्छ ऐसी है की....
तेरे संग ज़िंदगी के मायने ही जन्नत से होंगे..!!!!
सपने......!!!! अधूरे रहने दो
अधूरे रहने दो,
ख्वाबो को,
थोड़ा और बढ़ने दो,
चाहतें उनको पाने की,
बढ़ेगी ज़रूर,
पर लंगर खोलो,
और नाव को बहने तो दो.
जिंदा किसे कहूँ...........मुर्दा किसे कहूँ.......!!!
जिंदगी ने ही रुख़ जब मोड़ लिया तो उसको बेवफा क्यू कहूँ,
जिंदादिली भी जनाज़े मे सिमट गए तो जिंदा किसे कहूँ,
हर वक़्त दिया साथ जिसने उसको बेरहम कैसे कहूँ,
नदियाँ ही जब धार मोड़ गई;
तो पतवार की धार को क्यू बुरा कहूँ,..!!!
तूफान आया था समुंदर मे जब; लहरें सहम गई,
आना नही थी चाहती उनकी भी रूह कतर गई,
बेकसूर साबद ही ऐसा है जो बेरहम को भी हिला दे,
सच मानो उसी वक़्त नाव से समुंदर की लहर सिमट गए...!!!
जिंदा उसको कहूँ या जिंदा हमे कहूँ,,
हर राह मे तकदीर जो पलटी; पर्दे मे क्यू रहू
दूर होकर भी पास है अब तो वो मेरे आए मेरे साथियों,
मर गया मै उसके लिए पर सोचता हू मुर्दा उसे काहु....!!!
जिंदा किसे कहूँ...........मुर्दा किसे कहूँ.......!!!
""बोतलें....और वो""
कुसूर-ए-मोहब्बत हम क्यू निकालें;
होश मे हम अब भी है ग़ालिब,
दो चार बोतलें अब असर नही करती,
दर्द को मिटाने की दबा अगर एन्हि बोतलों मे ही है,
बोल लो उनसे ज़हर हमे वही आकर पीला दें तो अच्छा है!!!
हाथ ना छोड़ना हमराही...
बस तू हाथ ना छोड़ना हमराही...!!!
अपनो से डरती है...
Monday, 10 August 2015
Chahat Uski bhi thi....
Haqk to use bhi tha khushiyon ka pyar mohabbat laad dulaar ka...
Saham si jati h bachpana bat kro jab to...
Kyu mol nahi unko uski khushiya uske adhikaro ka...??
Chaha to do took pyaar bas tha usne apne adhikaro ka...!!!
Saturday, 18 July 2015
Tere Sang Zindagi ke Mayne....
Shama-E-Shaam ko Itrana aata hai,
Tumhe Muskurate Dekhne Me Hume Maza Aata Hai,
Chand se ki thi Sifarish Game Amavas Hatane ki,
Ab Es Roshni me Tujhse apni Palken hatane me Jee Katrata hai....!!!
Tere Bin Jee Na Paunga Ye Mat Sochna Kabhi,
Baat Kuchh aisi hai ki....
Tere sang zindagi ke mayne hi Kuchh jannat se Honge..!!!!
Thursday, 5 February 2015
Sapne......!!!! Adhure rehne do
Par vo roshni barabar sabhi ko deta hai bhul na jaao.
Friday, 30 January 2015
Broken Relationships.....!!
Alfaz ki adla-badli na huee;
Sannaton me baithe hum;
Ek dusre ko niharte huye,
Sikayaten nahi ek dusre se
Par mohhabbat na hue;
Toot gya ek baar koe jab Rista,
Khuda laakh chah le;
Par pyaar ki pahal;
Na to tumse hue.....Na to Humse hue....!!!
Tuesday, 27 January 2015
Pahel ka Locha.....!!! Initiation....!!
Waqt gujar gya;
par dobara mohabbat na hue,
vo bhi chup they;
hume sannate cheerne ki himmat na hue...!!
vicharon ka na milna to;
ek karan bhar hai rishta todne ko,
Na pahal tumse hue...
na pahal humse hue.!!
Yaaden Teri.......Hun....!!
Kisi aur par dil lagane de aur hame rulana chhod de,
Kisi aur k ho jayenge to kya pata hum muskurana na chhod den.
Door krna chaho to jeena musqkil hojata h.,.!!
Friday, 23 January 2015
Na pahel tumse hue... na pahel humse hue...!! (initiation in Love)
Waqt gujar gya,
par dobara mohabbat na hue,
vo bhi chup they;
hume sannate cheerne ki himmat na hue...!!
vicharon ka na milna to ek karan bhar hai rishta todne ko,
Na pahel tumse hue...
na pahel humse hue.!!
Monday, 19 January 2015
Meri Nafrat....
Sabd nahi milte par jehen me vichar aate hai,
Yaaden aati h unki bhale hi vo hume nahi milte hai...!!
Meri nafrat bhi ab chahat hue hai Hun,
Dard hai dil me par unke liye bure vichar nae aate hai...!!!
Saturday, 17 January 2015
Tu nahi hai.....!!
Akelapan batne dost hai par ab jarurat si nahi,
Sunsan raston par ab dar h hi nahi,
Ankhen band kro ya gahre Pani me jao,
Vo sab beete lamhe....
aur tera sath...tere hath nahi chhodte mujhe akela;
Tu nahi hai ye sayad tere hone se badhkar hai kya?
Manzil....!!!
Lahre rat ho ya din kashti ko chhu hi leti hai,
Khwab samandar me doobe ho to fir rooh kasak sehti hai,
Arman to soye hi hote hai aksar Galib,
Iradon me ho dum to manjil kadam chum hi leti hai.
Tuesday, 13 January 2015
Aaspas.....Sansaar....!!
Ranch matra ka badlaav nahi,
socha tha waqt ke thapede asar krenge,
garam hawayon se sikenge jab chehere,
to badlaav ki dhaar phutegi....par nahi...!!
Kuchh do naukaon me pair rakhne wale log,
samjhte nahi seekha sa logic,
Gir jate hai bich mazdhaar me aksar,
Fir bhi...bachpana....karte hai...!!
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Many more soon..??
Thursday, 1 January 2015
New Year-2015
ujade es man ko kaise mai samjhaun,
aate jaate har raah me beeta saal bitaun,
vo kehte hain mai naya saal manau..!!
कार एक्सीडेंट….
पीछे से आती मारुती बलेनो कार ने जोर की टक्कर मारी। #RealLifeStories शहरों में सिग्नल पर इंतज़ार करती गाड़ियां बंपर से बंपर के बीच कोई फांसल...