तेरी उन अदाओं से था प्यार मुझे पर अब नही,
वो आवाज़ और कुच्छ अहसास भी....
पर अब नही ऐतबार उन पर भी...!!!
ताज्जुब बे कोहराम तो एस बात का हे की;
ज़िंदा हू पर ज़िंदगी से ऐतबार नही.!!
वो आवाज़ और कुच्छ अहसास भी....
पर अब नही ऐतबार उन पर भी...!!!
ताज्जुब बे कोहराम तो एस बात का हे की;
ज़िंदा हू पर ज़िंदगी से ऐतबार नही.!!
ज़िंदा हू पर ज़िंदगी से ऐतबार नही.!!
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