Saturday 14 November 2015

Were we really....???

A mutual breakup,
Couldn't turned up,
Again u were unaware
Coz she is engaged...!!


Broken mirror gives u many faces,
u had long walks with open laces,
Closed lashes can't say u awake,
Reminding urself that you alive,
Remembering spent moment & life,
That loud music but no words
ur lonely walk with autumn fallouts
Question comes again n again,

"Were we really made for each other?"

Sunday 1 November 2015

शिक्षा को भी धर्म में बाँट दिया....

हमने तो शिक्षा को भी धर्म में बाँट दिया...
१. काशी हिंदू विश्वविद्यालय
२. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

शिक्षा का उद्देस्य कभी भी राजनैतिक नही रहा यही तो गम है, राजनैतिक (सकारात्मक राजनीति वो भी) होता तो हम संप्रादायक ना बन जाते, खुद को हिंदू और मुसलमान कहलाने वालो को ये बता देना चाहता हू की भारत गणराज्या (जिसमे पूरा पंजाब, सिंध, लश्कर और अफ़ग़ानिस्तान इत्यादि) भी आता है, १८५७ तक कभी संप्रादायक झगड़े ना हुए कभी, हिंदू और मुसलमान भले ही अपने अपने धर्मा संस्थानो मे धर्मा की शिक्षा लेते थे पर जब आधुनिक शिक्षा दिखा की बात होती थी तो नालंदा जैसे विस्वा ईसतरीया केन्द्र श्रोत बनते थे ज्ञान के लिए! 

पर ब्रिटिश राज ने फूर डालो सासन करो अपनाया, उस वक़्त होता ये था की मंदिर और मस्जिद ज्ञान का केन्द्रा थे, ब्रिटिश राज ने रात क अंधेरो मे अलग अलग बुलाया मौलवी साहब को भी और पुजारी को भी, लालच भरे लोगो ने साथ भी दिया! ब्रिटिश रात मे मंदिरो मे गाय काटकर फेक जाते थे और लिख देते थे अल्लाहोआक्बर, और मस्जीदो मे शराब इत्यातो रखवा कर जय श्री राम लिख देते थे! 

फिर वही लालची मौलवी और पंडित पुजारी अपने अपने संस्थनो मे लोगो को जमा करके बीज बोते थे संप्रादायक!! तनाव लाते थे!! आज जो भारत हम देख रहे है वो भारत का सपना अगर दिखा होता ना आज़ादी के वक़्त तो सच बता रहा हू, आज़ादी के लिए कोई प्रयास भी ना करता! एससे अच्छा अंग्रेज़ो की गुलामी होती! 

बड़े बड़े समारोहो मे हिंदू मुस्लिम एकता का नारा लगाने वालो, नया दौर विकाश का है, नया दौर टेक्नालजी का है,!! २ जून की रोटी मुसीब ना हो पा रही अभी भी भारत क लखो लोगो को और तुम सब हो की आपसी रंजिस मे लगे रहते हो...!!

जहा तक एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की ही बात हो, मुसलमान कहेगा की आर एस एस को दुनिया का दूसरा बड़ा आतंकवादी संघटन घोसित क्रना चाहिया (हालाँकि यूएन और मूडी ने भी माना है की एँकी गतिविधिया भारत की साख मे बट्टा लगा रही है).......

फिर आप कहेंगे की यहा तो हज़ारो प्रमाण है की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कभी इंडियन मुजाहिद्दीन तो कभी आई एस एस तक को समर्थित लोगो का आसरा रहा है..>!!! भाई साहब, बात पाते की सुनो, आप राजनैतक लाभ क लिए लोगो की जान से ना खेलो...!! शिक्षण संस्थान को ज्ञान का श्रोत रहने दें.....अनुरोध ही मेरा....कार्बद्ध अनुरोध है...!!!


जिन लोगो को आप महापुरुष कहते है, जिन्होने ऐसे नाम और आरक्षित महान शिक्षण संस्थानो की नीव रखी, उन्होने कभी ना सोचा होगा की उनके एस महानतम सोच का फल क्या निकलेगा, !!! 

पर अब जब बदलाव किया जेया सकता है तो अनुरोध है मेरा तन्त्र से, बनाना है तो नालंदा जैसा बनाए, दुनिया मे नाम कराएँ...शिक्षा कभी जाती और धर्मा मे ना बाँध दें..!!  यूनिवर्सिटी नाम ही एव्स लिए है क्योकि शिक्षा यूनिवर्सल है..!!

आप महनुभव के विचार आमंत्रित हैं...!!! 

काश दीवारें बोलतीं !

 काश दीवारें बोलतीं ! मेरे ऑफिस के बगल वाले रेस्टोरेंट की दीवारें मेरे ऑफिस का पूरा गपशप जानतीं और थोड़ा लालच देने पर शायद ऑफिस की चुगलियां क...