कहने को दूर तो है तू,
पर यादों मे अब भी है!
मिलते नही हम अब,
पर सपने मे साथ सोते है!
साझा करना कुच्छ भी अब कैसे हो,
पर एक एक्सट्रा कॉफी तेरे नाम की पी लेते है!
अकेलेपन मे भी याद नए आती थी कभी तू,
पर अब भीड़ मे भी तन्हा महसूस करते है!
कभी बातें खत से करते थे,
अब खुद को भी खत लिखते है!
कभी तेरे जाने का गुम होगा ये सोचकर डर गये थे,
अब तू नही है ये हर पल जीते है हम!
तुझे बेतक देखने पर तू मना करती थी,
अब तेरी पिक्स को घंटो निहारते है.!
कैसा नशा है तू मेरी हन,
बोतलों मे भी नही उतरे पर नशे मे खुद को पाते है !!!
पर यादों मे अब भी है!
मिलते नही हम अब,
पर सपने मे साथ सोते है!
साझा करना कुच्छ भी अब कैसे हो,
पर एक एक्सट्रा कॉफी तेरे नाम की पी लेते है!
अकेलेपन मे भी याद नए आती थी कभी तू,
पर अब भीड़ मे भी तन्हा महसूस करते है!
कभी बातें खत से करते थे,
अब खुद को भी खत लिखते है!
कभी तेरे जाने का गुम होगा ये सोचकर डर गये थे,
अब तू नही है ये हर पल जीते है हम!
तुझे बेतक देखने पर तू मना करती थी,
अब तेरी पिक्स को घंटो निहारते है.!
कैसा नशा है तू मेरी हन,
बोतलों मे भी नही उतरे पर नशे मे खुद को पाते है !!!
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