Wednesday, 16 September 2015

हम बात करते है भारत भविस्य की ....आरक्षण की..!!!

शवर्न और आवर्न दो भाग है समाज मे; आज हालत ये है की शूद्रा खुद को सवर्न मे नही गिनता है. आप कितना भी कह लो; हालत अभी भी सुधरे नही है; 

ओ बी सी की बात नही करता पर यथार्थ देखना हो तो दलित मे देखिए; 
आपको वो पीढ़ी दर पीढ़ी उसी हालत मे मिलेंगे. आप हम जैसे सभी लोग उनका शोषण करते थे और कर रहे है. 

उनको उनके पास से आप हम आरक्षण देने या हटाने की बात करते है; जो दो जून की रोटी को मजबूर है; क्या उनका पेट आप आरक्षण से भर सकते हो? 
जिन्हे आरक्षण चाहिए उनको मिल नही पता और वो भूख से या ग़रीबी मे आत्महत्या से मरते है, जिनको नही मिलता आरक्षण वो खून की नदियाँ बहाना पसंद करते है; 
हार्दिक पटेल जन्म लेते है;

हक़ीकत तो ये है की जिनको ज़रूरत दो जून की रोटी की है उनका पेट आरक्षण देने भर से ना भरेगा. कुच्छ सरकार से परे हटकर हमे खुद करना पड़ेगा. लोग आरक्षण का ढोंग पीट र्हे; 

मुझे बात तो ये नही समझ आती की आज भी मंदिर क बाहर सौ लोग ऐसे कैसे दीं दुखिहारे भूखे दिख ही जाते है; आप कार रोकिए किसी भी चौराहे मे 10 बच्चे रोते बिलबिलते और 1 रुपय मॅगने दौड़ पड़ते है; 

आज करतब दिखाने को मजबूर 5 साल क बच्चे ट्रेन मे 1 रोटी मॅगने कचरा सॉफ करते है; क्या शिक्षा का अधिकार उनके लिए नही है.? हम बड़ा आरक्षण का विरोध करते है ना; 

क्या हमने कभी ये जाना है की हमारे पूर्वाजो ने जाती क आधार पर कितना प्रताड़ित किया है अनुसूचित जातियो को. चामर अगर पानी च्छू दे तो पानी का घड़ा तोड़ दिया जाता है!! सोचिए ये अगर आप हम जैसे लोगो क साथ होता तो क्या होता हुमारा. फिर भी हम बात करते है भारत भविस्या की ....आरक्षण की..!!!

बताएए कों सा ब्राह्मण आज मल उठता है; कौन सा ठाकुर आज मज़दूर है...बहोट कम मिलेंगे ना....!! परंतु यहा करोड़ो दलित लोग है जो नली का गंदा पानी पीने को मजबूर है या की आरक्षण नमक चीज़ है भी या नही उनको पता तक नही!!! और हम बात करते है सवर्ण की..!!!

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