आओ सुनाऊ तुम्हें एक कहानी.... पर ये मत सोचना की ये मेरी आप-बीती है...
Gulshan-e-darbar me jabse arzi khushiyo k liye lagae hai..
Rehmat etni mili Allah khair kare;
nazren na lag jaaye dar sa lagta hai ab to!!!!
काश दीवारें बोलतीं ! मेरे ऑफिस के बगल वाले रेस्टोरेंट की दीवारें मेरे ऑफिस का पूरा गपशप जानतीं और थोड़ा लालच देने पर शायद ऑफिस की चुगलियां क...
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