उसकी यादों के भी नखरे उठाता हू मै अये ग़ालिब,
सौक मे 2 घूँट जाम पिता था तब मै,
बोतलें लुढ़कता हू मै अब अये ग़ालिब....!!
कह गए थी याद ना आउन्गि तुम्हे नई मसूका मिलने पर,
पर आज भी अक्सर नए को उसके नाम से ही बुला लेता हू अये ग़ालिब...!!!
उसकी यादों के भी नखरे उठता हू मै अये ग़ालिब,
नए को उसके नाम से ही बुला लेता हू अये गॅलाइब...!!!
सौक मे 2 घूँट जाम पिता था तब मै,
बोतलें लुढ़कता हू मै अब अये ग़ालिब....!!
कह गए थी याद ना आउन्गि तुम्हे नई मसूका मिलने पर,
पर आज भी अक्सर नए को उसके नाम से ही बुला लेता हू अये ग़ालिब...!!!
उसकी यादों के भी नखरे उठता हू मै अये ग़ालिब,
नए को उसके नाम से ही बुला लेता हू अये गॅलाइब...!!!
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