Monday 7 September 2015

वादे याद आज भी है....

गिर गये हम इतना तेरी बेवफ़ाई के मारे;
तेरी याद हालाँकि सलामत आज भी है;
तन्हाइयों मे कुच्छ बोतलों क सहारे;
साथ पिएँगे वो वादे याद आज भी है....!!

प्यार क्या है
प्यार क्या है सवाल किया था उसने;
प्यार क मोहताज होकर;
अब हम जवाब ढूढ़ पाए है साथियों!!
और जवाब भी यही की-

"प्यार लाजवाब है"

No comments:

Post a Comment

काश दीवारें बोलतीं !

 काश दीवारें बोलतीं ! मेरे ऑफिस के बगल वाले रेस्टोरेंट की दीवारें मेरे ऑफिस का पूरा गपशप जानतीं और थोड़ा लालच देने पर शायद ऑफिस की चुगलियां क...