Sunday 23 August 2015

सपने......!!!! अधूरे रहने दो

कुच्छ सपने,
अधूरे रहने दो,
ख्वाबो को,
थोड़ा और बढ़ने दो,

चाहतें उनको पाने की,
बढ़ेगी ज़रूर,
पर लंगर खोलो,
और नाव को बहने तो दो.

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