शमा-ए-शाम को इतराना आता है,
तुम्हे मुस्कुराते देखने मे हमे मज़ा आता है,
चाँद से की थी सिफारिश ग़मे अमावस हटाने की,
तुम्हे मुस्कुराते देखने मे हमे मज़ा आता है,
चाँद से की थी सिफारिश ग़मे अमावस हटाने की,
अब एस रोशनी मे तुझसे अपनी पलकें हटाने मे जी कतराता है....!!!
तेरे बिन जी ना पाएँगे ये मत सोचना कभी,
बात कुच्छ ऐसी है की....
तेरे संग ज़िंदगी के मायने ही जन्नत से होंगे..!!!!
तेरे बिन जी ना पाएँगे ये मत सोचना कभी,
बात कुच्छ ऐसी है की....
तेरे संग ज़िंदगी के मायने ही जन्नत से होंगे..!!!!
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